हेर्नैपर्ने: महिलाहरुलाई अर्धनग्न बनाउँदै, लछारपछार गर्दै, #राममनोहरयादव की श्रीमती समेतलाई DSP रमेश बहादुर सिंहको प्रहरी टोलीले बाँकेमा लाठीले पिटेको, पक्राऊ गरेको दृश्य।
सलाम है इन वीर महिलाओं को…इतिहास पुछेगा ऐसा हुआ तब और लोग कहाँ थे ? 2063 साल में बाँके के कमल गिरी के शहादत के साथ मधेश आंदोलन शुरु हुआ था, और अभी भी बाँके के राममनोहर यादव के शहादत के साथ वहीं ही शुरु होगा… बिगुल बज चुकी है।
भिडियोः
वीर राम मनोहर यादव अमर रहे। फिरंगी पुलिस – मुर्दावाद ! हत्यारा सरकार – मुर्दावाद !
Manoj Morbaita काे पेजबाट साभार गरिएकाे सामाग्रीहरू ।